Lavanya - 1 in Hindi Fiction Stories by Jagruti Joshi books and stories PDF | लावण्या - भाग १

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लावण्या - भाग १

हेलो दोस्तों मैं एक नई कहानी आपके लिए पेश कर रही हूं। अभी उसका टाइटल क्या लिखूं वह मुझे समझ नहीं आया इसलिए लावण्या कर दिया है। स्टोरी के आगे के पार्ट रिड करके सोचकर आप मुझे सजेस्ट करना वह टाइटल अच्छा लगा तो मे रखुंगी।
आपको यह नहीं स्टोरी कैसी लगी वह आप कमेंट में जरूर बताइएगा।
और जैसे-जैसे स्टोरी आगे बढ़ती जाएगी सब कैरेक्टर का इंट्रोडक्शन होता जाएगा।
जैसे ही नियति को प्यार दिया है इस तरह इसे भी प्यार देना।
चलो तो शुरुआत करते है।
~~~~~~~~~~~~~~~~~

दिलवालों की दिल्ली यहां के रहने वाले लोग वीकेंड में मौज मस्ती और बाकी के दिनों में काम में बिजी रहने वाले।
दिल्ली का गुलमोहर पार्क शहर का समृद्ध इलाकों में से एक है। शहर के पॉश कॉलोनी में से एक है गुलमोहर पार्क है वहां के टीएस अपार्टमेंट में आज पार्टी थी। रवीश पूरे 2 साल के बाद अमेरिका से आया था उसके मॉम डैड अमेरिका रहते थे और वह अपने दादा दादी के पास यहां।
दादा दादी के गुजर जाने के बाद वह चला गया था पर उसे फॉरेन राश नही आया और फिर से वह कॉलेज करने के लिए इंडिया आ गया
आज डबल सेलिब्रेशन था एक उसकी वापसी का और आज उसका बर्थडे भी था तो उसने आज बड़ी सी पार्टी रखी थी उसके स्कूल के दोस्त और दोस्तों के दोस्त को भी इनवाइट किया था।
रवीश ने पूरे घर को पब मे तब्दील कर दिया था। आज उसके सारे दोस्त पार्टी में झूम रहे थे कोई डांस फ्लोर पर डांस कर रहा था कोई से ड्रिंक से ड्रिंक टकरा कर चियर्स कर रहा था कोई कॉकटेल पी रहा था तो कोई सॉफ्ट ड्रिंक्स चारों और मदहोशी का माहौल था और उस माहौल को ज्यादा मस्त करता म्यूजिक।
उन सब की मस्ती से कोषो दूर एक लड़की कब से अपना फोन हाथ में लेकर बैठी थी। कुछ टाइप करती फोन देखती फिर उदास होकर फोन बंद कर देती।
काफी लड़कों की नजर उस पर थी क्योंकि वह लगती ही इतनी खूबसूरत थी अपने नाम की तरह।
लावण्या नाम था उसका
उसका मतलब ही ग्रेस, ब्यूटी है और उसका असर इसके स्वभाव में साफ़ दिख रहा था। शुराही दार गर्दन लंबी टांगे नैन नक्श किसी अप्सरा से कम नहीं।
लंबे बाल उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे।

वह अपने फोन में खोई हुई थी तभी उसकी दोस्त ने आकर कहा यार लावण्या चलना यार डांस करते हैं सब लोग मजे कर रहे हो और तुम बैठी बैठी उस गधे की राह देख रही है।
लावण्या ने गुस्से से कहा स्टॉप सिया वह मेरा बॉयफ्रेंड है। कोई गधा नहीं तुम इस तरह से उसे नही बुला सकती। और मुझे डांस नहीं करना उसके आने के बाद ही में आऊंगी तुझे जाना हो तो।
रहने दो सिया यह नहीं मानेंगी जब तक इनके देव नहीं आएंगे देवी जी तब तक डांस फ्लोर पर नहीं आएंगी। यह आवाज सिया के पास खड़े हुए लावण्या के दोस्त सचिन की थी।
तभी रवीश उन तीनो के पास आया और कहा चलो ना यार सब लोग इतने मजे कर रहे हो और तुम लोग यहां बैठे एक दूसरे का दिमाग खा रहे हो।
सचिन ने कहा चलो हम दोनों आते हैं यह मैडम नहीं आएगी वह उनके भगवान की राह देख रही है,
रवीश ने कंफ्यूज होते हुए कहा क्या,,,

सिया कुछ नही वो लक्ष की राह देख रही है ।

रवीश,,, ने कहा चल ना लावी आ जाएगा वो थोडा डांस इस नाचीज के साथ भी कर ले,,,

लावण्या जवाब देने वाली ही थी कि उसकी नजर एंटरेंस पर गई उसने देखा की लक्ष अपने ही अंदाज में आ रहा था,
क्लीन शेव लंबे सिल्की बाल जो भी लड़के रखते हैं पीछे चोटी बंधी हुई , वाइट टी शर्ट और ब्लैक जींस,,, पहेना हुआ था।
जैसे ही लक्ष्य एंटर हुआ सारी लड़कियां जो डांस फ्लोर पर डांस कर रही थी उनकी नजर उस पर लोक हो गई , और उन लोगों की धड़कन तेज हो गई और को जोर जोर से चिल्लाने लगी पर कोई फायदा नहीं था ।
लक्ष सिधा अपनी लावण्या के पास गया और उसके फोरहेड पर किस करते हुए कहा सॉरी मेरी जान,, प्लीज गुस्सा मत होना पापा को एयरपोर्ट छोड़ने जाना था वो लंदन जा रहे है इसलिए थोड़ी देर हो गई प्लीज प्लीज माफ कर देना।
लावण्या गुस्से में लक्ष्य ये आखरी बार है अगर हर बार ऐसे करते रहना तो मे तुम्हें छोड़कर चली जाऊंगी और लौटकर वापस नहीं आऊंगी और तुम ढूंढते रह जाओगे, समझे।
लक्ष ने लावण्या को खींच कर अपने करीब लाया और डांस फ्लोर पर खींच कर ले गया। सॉरी मेरी जान अब की बार ऐसा नहीं होगा और वह उसके साथ डांस करने लगा उनके आने के साथ ही वहां का म्यूजिक चेंज हो गया,

जितनी दफ़ा देखूँ तुम्हें धड़के ज़ोरों से
ऐसा तो कभी होता नहीं मिल के गैरों से
जितनी दफ़ा देखूँ तुम्हें...
दूर जाना नहीं तुमको है कसम
खुद से ज़्यादा तुम्हें चाहतें हैं सनम
दूर जाना नहीं मुझसे ऐ सनम
खुद से ज़्यादा तुम्हें चाहते हैं
सनम
दिल में जो भी है, तेरा ही तो है
चाहे जो मांग लो रोका किसने है
क़त्ल अगर करना हो, करना धीरे से
उफ़ भी नहीं निकलेगी मेरे होठों से
दूर जाना नहीं...

दोनों डांस करते करते एक दूसरे में खो गए ,
वहां दूर खड़ा रवीश और बाकी की लड़कियां और लड़के जलकर खाक हो रहे थे ।
रवीश को लावण्या बहुत पसंद थी पर लावण्या के लिए वो सिर्फ दोस्त था।

लावण्या और लक्ष्य दोनों स्कूल में से साथ है और पिछले साल लक्ष ने प्रपोज किया था और कॉलेज में आने के बाद तो वह दोनों हॉट फेवरेट कपल बन गए थे।
इन दोनों से काफी लड़के लड़कियां जलते थे पर क्या करें उन।लोगों के बस में था ही नहीं उन दोनों को अलग करना।
लावण्या अपने मां-बाप के गुजर जाने के बाद अपने मामा मामी और नाना नानी के साथ रहती थी वह ऊसे अपनी बेटी की तरह ही प्यार करते थे। लावण्या उनकी दुनिया थी।

पार्टी पूरी हुई लक्ष लावण्या सबको बाए बोले और वहां से निकल गए
लावण्या का घर आ गया जैसे ही गाड़ी से लावण्या नीचे उतरने गई लक्ष ने खींच कर लावी को अपने पास लाया,
लावण्या ने शर्माते हुए कहां लक्ष कोई देख लेगा छोड़ो बहुत शरारती हो गए हो।
लक्ष्म ने लावण्या के होठो पर उंगली रख दी और कहा शशशशशश🤫
उसने लावण्या के चेहरे पर आते हुए बालों को हटाकर कानों के पीछे किया और उसके करीब आया उसकी गर्दन को सहलाते हुए उसके होठों को चुम लिया,,,
लावण्या ने अपने हाथ से लक्ष के सीने पर मारते हुए कहा कुछ ज्यादा ही हिम्मत नही बढ गई तुम्हारी बहुत बदतमीज हो गये हो चलो गुड नाइट मैं चलती हुं।
लावण्या ने झूठा गुस्सा जताते हुए कहा।

लक्ष ने जाती हुई लावण्या को फ्लाइंग किस की और बाय बोल कर अपनी गाड़ी घर की ओर दौड़दी।
लावण्या गेट बंद कर दिया और जैसे ही डॉरबैल बजाने गई उससे पहले ही उसके मामा ने दरवाजा खोल दाया। ओह मामु आप।
मामाजी ___ हमारी गुड़िया रानी कुछ ज्यादा ही जल्दी नहीं आ गई🤔
सॉरी मामा थैंक यू थैंक यू थैंक यू आपने आज मुझे बचा लिया प्लीज अगली बार नहीं आऊंगी सच्ची प्रॉमिस ।

मामा जी ने कहा पिंकी प्रॉमिस अगर अगली बार लेट हुई तो पापा को बोल दूंगा।

लावी ने अपने मामा की छोटी उंगली से अपनी छोटी उंगली मिलाते हुए कहा मामा पिंकी प्रॉमिस बस आई लव यू गुड नाईट,
गुड नाइट गुड़िया उन्होंने दरवाजा बंद करा और वो अपने रूम में चले गए और लावण्या अपने रूम में।

उसने फोन और अपनी बैग बेड पर पटका और वह भी कपड़े चेंज किए बिना ही बेड पर लेट गई तभी उसके फोन की रिंग बजी।
वो सोचने लगी अभी तो वो पहुंचा भी नहीं होगा और फोन कर दिया उसने जैसे उसने फोन देखा तो फोन की स्क्रीन पर पापा सॉ हो रहा था।
उस ने गलती से लक्ष का फोन ले लिया था । दोनो का फोन एक जैसा ही था क्योंकि लक्ष ने ही उसे गिफ्ट किया था कलर भी एक ही था तो फोन चेंज हो ।

उसने फोन उठाते हुए कहा हेल्लो अंकल ,,,

जैसे ही अरविंद जी ने लावण्या की आवाज सुनी वह पहचान गए अरे लावण्या बेटा केसे हो जरा लक्ष को फोन दो।

सॉरी अंकल हम दोनों के फोन बदल गये है एक जैसे है इस लिए आप मेरे नंबर पर फोन करे। वो फोन रखने जा रही थी की उसे याद आया,,,,,,अरे हा अंकल हैप्पी जर्नी।

अरविंद जी ने कंफ्यूज होते हुए कहा हैप्पी जर्नी पर मैं कहां जा रहा हूं,,,???

लक्ष ने बताया कि आप लंदन जा रहे हो,,,!

अरे बेटा तुम जानती है ना उसे वह मजाक कर रहा होगा तुमसे ।
ओके चलो बाय बेटा ,,मुझे उसका काम है बाद में मिलते हैं अपना ख्याल रखना अपना और उन्होंने फोन रख दिया।

लावण्या काफी समय से देख रही थी कि कुछ टाइम से लक्ष छोटी-छोटी बात पर झूठ बोलता है लेट आता है और उसका जो रीजन देता है , वो उसके दिल को सही नही लगता पर वह अपना मन मना लेती थी।
पर इस बार उसे बहुत गुस्सा आया और उसकी आंखों में नमी छा गई वह सोच ने लगी किस कारण से झूठ बोल रहा है, कहा जाता है किसके साथ कल तो वो पुछ कर ही रहेगी।
लावण्या को लक्ष के बारे में सोचते हुए कब नींद आ गई उसे पता ही नहीं चला,,,,और वह गहेरी नींद मे चली गई।

क्रमश.......जा रही है.....

प्रिय पाठको आपको यह कहानी कैसी लगी आप कमेंट में जरूर बताइएगा🙏🙏🙏🙏

अगर आपकी अच्छी समीक्षा आई तो आगे के पार्ट लिख ने मे अपलोड करने मे मजा आएगा